नाग पंचमी कब है, 2022 में नाग पंचमी कब हे, नाग पंचमी कब हो रहा है, नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है, नाग पंचमी कब है २०२२, नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है: भारतीय संस्कृति मे देवी देवताओ की पूजा और उनके प्रति आस्था दर्शाने के लिए व्रत और त्योहारों का आयोजन किया जाता है। ऐसा ही एक खास दिन नाग पंचमी का है, इस दिन भगवन शिव के गले का हार बने नागो की पूजा की जाती है। तो चलिए जानते है कि नाग पंचमी कब है 2022 और इसके पूजन का मुहूर्त क्या है?
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Nag Panchami 2022 Date in Hindi
नाग पंचमी (Nag Panchami) हिन्दुओं का एक महत्वपूर्ण और प्रमुख त्योहार है। सावन माह की शुक्ल पंचमी को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता या सर्प देवता की पूजा की जाती है और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है। मान्यताओं के अनुसार नाग पंचमी के दिन रूद्राभिषेक करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। तो आइए जानते हैं साल 2022 में नाग पंचमी कब है। नाग पंचमी की पूजा विधि और पूजन मुहूर्त क्या रहेगा।
Nag Panchami | 2022 Date |
नाग पंचमी कब है 2022? | २ अगस्त २०२२ |
Nag Panchami 2022 Date in Hindi | मंगलवार, 2 अगस्त |
पूजा मुहूर्त | 5:48 बजे से 8:28 |
तिथि समाप्ति | 5:42 बजे (3 अगस्त, 2022) |
Website | HindiOnly |
नाग पंचमी कब है 2022?
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन नाग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन नागो की पूजा करके उन्हें दूध का भोग लगाया जाता है और स्त्रियों द्वारा अपने परिवार की सुरक्षा की कामना की जाती है।
वर्ष 2022 मे 2 अगस्त 2022, मंगलवार के दिन नाग पंचमी का व्रत किया जायेगा।
नाग पंचमी 2022 का शुभ पूजा मुहूर्त
नाग पंचमी 2022 की पूजा का शुभ मुहूर्त नागो की पूजा करने और व्रत खोलने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- नाग पंचमी पूजा मुहूर्त: 5:48 बजे से 8:28 (2 अगस्त, 2022)
- पंचमी तिथि आरंभ: पूर्वाह्न 5:14 बजे
- पंचमी तिथि समाप्ति: 5:42 बजे (3 अगस्त, 2022)
नाग पंचमी के दिन क्या होता है?
नाग पंचमी के दिन मंदिरों मे अष्ट नागो अनंत, वासुकी, तक्षक, ककोर्टक, महापद्म, शंखपाल, कुलिक और पद्म की पूजा कर उन्हें दूध अर्पित किया जाता है। वही चतुर्थी तिथि को केवल एक बार भोजन करते है और पंचमी तिथि को व्रत करके शाम को भोजन ग्रहण किया जाता है।
पूजन के लिए चौकी के ऊपर लाल कपडा बिछाकर मिटटी की नाग मूर्ति या नाग चित्र को स्थापित करते है, उसके बाद हल्दी, लाल सिन्दूर, फल-फूल चढ़ाकर पूजा करते है और कच्चे दूध मे घी व चीनी मिलाकर नाग देवता को प्रसाद चढ़ाया जाता है।
पूजा करने के बाद नाग देवता की आरती की जाती है और किसी सपेरे को दक्षिणा प्रदान की जाती है। अंत मे नाग पंचमी कथा सुनकर अपने परिवार की सुरक्षा की कामना करते है।
नाग पंचमी का महत्व
नाग पंचमी को लेकर मान्यता है कि जब भी कोई पंचमी के दिन नागो की पूजा करता है तो उस व्यक्ति को सांप के डसने का डर नहीं रहता और नागो को दूध पिलाने और स्नान कराने से सभी दुखो की समाप्ति होती है।
इस दिन घर के मुख्य द्वारा पर नाग चित्र बनाये जाते है ताकि उस घर पर नाग देवता की कृपा बनी रहे और किसी भी व्यक्ति की नागो के काटने से मृत्यु न हो।
पंचमी के समय नाग भू गर्भ से निकल कर भू तल पर आते है और वह किसी को नुक्सान न पहुचाये इसलिए भी नागो को प्रसन्न करने के उद्देश्य से नाग पंचमी की पूजा की जाती है। इस पूजा से कुंडली मे उपस्थित सर्प दोष का भी निवारण होता है।
अंतिम बात
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